Kavita Jha

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तेरा मुस्कुराना

शीर्षक: तेरा मुस्कुराना


जादू की झप्पी सा काम करता है 
तेरा मुझे देखकर यूं मुस्कुराना
बस तेरी मुस्कान सदा बनी रहे
ग़म ना कभी कोई पास आए तेरे
तूं सदा यूं ही पास रहा कर मेरे
मैं हर ग़म भूल जाती हूं
जब नज़दीक तेरे आती हूं
तेरा स्पर्श सांसों में बसता है
तन मन मेरा महकता है
दूरी तुझसे ना सह पाती हूं अब
कहीं जाना पड़ता है दूर तुझसे जब
याद तेरी सताती है हर पल
तेरी तस्वीर भी मन बहलाती नहीं तब
बस तेरा मुस्कुराना याद करती हूं
और जादू की झप्पी का एहसास  करती हूं
***

कविता झा'काव्या कवि'

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4 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

16-Nov-2021 12:37 AM

Nice

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Sunanda Aswal

15-Nov-2021 11:51 PM

बहुत सुंदर प्रस्तुति

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Niraj Pandey

15-Nov-2021 11:43 PM

बहुत खूब

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